विकास खंड के ऐरायां मशायक में दावते वलीमा के अवसर पर बेहद मकबूल-ओ-मशहूर कव्वाल शरीफ परवाज को सुनने लोग उमड़ पड़े। उनसे मुकाबला करने के लिए कानपुर की सीबा परवीन

शरीफ परवाज व सीबा परवीन के बीच मुकाबला

- मशहूर कव्वाल शरीफ परवाज को सुनने उमड़े लोग

फोटो परिचय- जवाबी कव्वाली के दौरान कव्वाला सीबा परवीन व कव्वाल शरीफ परवाज।

ऐरायां/फतेहपुर। विकास खंड के ऐरायां मशायक में दावते वलीमा के अवसर पर बेहद मकबूल-ओ-मशहूर कव्वाल शरीफ परवाज को सुनने लोग उमड़ पड़े। उनसे मुकाबला करने के लिए कानपुर की सीबा परवीन ने भी शानदार कलाम पेश किए।

नवाब मलिक, नफीस अहमद, मेराज अहमद आदि के संयोजन में आयोजित कव्वाली का आगाज जाने माने कव्वाल शरीफ परवाज ने की-वह सवेरा करें या रात करें, जो करे बस खुदा की जात करें, आदमीयत आदमी की है यही, जितनी हस्ती हो वो उतनी बात करें। मिट्टी का खिलौना तेरी औकात ही क्या है। दरे-मुस्तफा पर अगर मौत आए, मुझे आबे-जमजम से नहलाया जाए, जनाजा मेरा हर फरिश्ता उठाए, मोहम्मद के कदमों में दफनाया जाए। हमसे न कोई टकराए चाहे चीन हो या जापान, अमेरिका, लंदन या वह हो पाकिस्तान, हम लोगों से मत टकराना याद रहे, यह ख्वाजा का देश है इसका नाम है हिंदुस्तान। मेरे ख्वाजा पिया के कदमों में सुल्तान भी सर को झुकाते हैं, जब उर्स-ए-मुबारक आता है तशरीफ मोहम्मद लाते हैं। वो हिंदुस्तान के राजा है। शरीफ परवाज ने शानदार गजल अशआर भी पेश किए-टूटने वाली है कश्ती, डूबने वाले हैं हम, तुम सहारा दो न दो, बस देख तो लो कम-से-कम। दामाने मोहब्बत को अश्कों से भिगो लेना, जब याद मेरी आए तनहाई में रो लेना। तेरी दुनिया से मैं जिस रोज चला जाऊंगा, फिर मेरी जान तुझे याद बहुत आऊंगा। मुकाबले के लिए तैयार जानी-मानी कव्वाला सीबा परवीन ने भी नाते रसूल से गाने की शुरुआत की-किसी की दुआ का असर देख आए, मदीने की शामो-सहर देख आए। सरकार करम फरमाएंगे, हम सबको मदीना बुलाएंगे। मेरे ख्वाजा तुमको बुलाना पड़ेगा, पुकारूंगी जब भी तो आना पड़ेगा। भूखो को लंगर है प्यासों को पानी, अजमेर की हैं ये गलियां सुहानी आदि बेहतरीन कलाम पेश किया। शरीफ परवाज में सेहरा पेश किया-सेहरे की हर कली महकने लगी है, दूल्हा की किस्मत चमकने लगी है। दिल का अरमान मोहब्बत का सहारा देगा, दूल्हा दुल्हन को मुबारक हो ये प्यारा सेहरा।

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