दो करोड़ 71 लाख खर्च करने के बाद भी अंत्येष्टि स्थल बदहाल

दो करोड़ 71 लाख खर्च करने के बाद भी अंत्येष्टि स्थल बदहाल

- नमामि गंगे योजना से एक प्राइवेट संस्था ने करवाया था निर्माण

- सड़क निर्माण न होने की वजह से आने-जाने में होती मुश्किल

फोटो परिचय- बदहाल अंत्येष्टि स्थल।

मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ खागा/फतेहपुर। ऐरायां ब्लाक के सलेमपुर मजरे मंडवा गांव में नमामि गंगे परियोजना से 2019 में शवदाह गृह का निर्माण करवाया गया था। जिससे गांव के लोगों को शवदाह करने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। उक्त शवदाह गृह का शिलान्यास जिले की सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने दिसंबर 2019 में किया था। गांव के लोगों ने बताया कि शवदाह गृह का निर्माण इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेट नामक कंपनी ने किया था। निर्माण पूर्ण होने के बाद कंपनी के अधिकारियों ने उक्त शवदाह को ग्राम प्रधान के सुपुर्दगी में कर दिया था। जिसके बाद से उक्त शवदाह गृह उदासीनता के कारण बदहाल हो चुका है। वहां न तो कोई शव जलाने के लिए जाता है, न ही वहां कोई कर्मचारी निवास करता है। शवदाह गृह खंडहर में पूर्ण रूप से तब्दील हो चुका है। वहां पर मुख्य द्वार गिरा हुआ पड़ा है। सोलर लाईटंे बिना बैटरी के ठूठ जैसे लगी हुई हैं। विद्युत कक्ष, कार्यालय आदि जगहों पर ताला लगा हुआ है। पूरा स्थान झाड़ झंगाड़ में छिपा हुआ है। पड़ताल करने पर पता चला कि तीन वर्ष पहले पौने तीन करोड़ की लागत से बना शवदाह गृह भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया है। लोग बताते हैं कि सड़क निर्माण न होने के चलते लोगों को आवाजाही में समस्या होती है। वहीं परिसर में चारों ओर झाड़-झंगाड़ दिखाई पड़ रहा है। परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग आई हैं। ग्रामीण राकेश और सोनू का कहना है कि यहां अभी तक एक भी दाह संस्कार नही हुआ है। यहां तक पहुंचने के लिए बड़ी मसक्त करनी पड़ती है।

इनसेट-

शवदाह गृह में ये हैं सुविधा

यहां स्नान प्लेटफार्म, महिलाओं के लिए अलग से स्नान करने का क्षेत्र, सैर करने के लिए क्षेत्र, गंगा आरती और नदी को देखने के लिए कमरे, पेयजल सुविधा, प्रतीक्षा स्थल, प्रसाधन, लकड़ी और सीडीसी भंडार कक्ष, विद्युत कक्ष, कार्यालय की व्यवस्था, दुकानें लगाने के लिए स्थल, चारदीवारी, संकेत बोर्ड बागवानी एवं वृक्षारोपण, एलइडी/सौर प्रकाश, पर्किंग की व्यवस्था आदि है।

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