रोडवेज के चक्का जाम से हाइवे की रफ्तार पर ब्रेक - ट्रक चालकों के कूदने से हाईवे की थम गई रफ्तार - सारा दिन में सिर्फ एक ई-बस आई

रोडवेज के चक्का जाम से हाइवे की रफ्तार पर ब्रेक

- यातायात के नए कानून की मुखालफत को सड़क पर उतरे चालकों के कारण मंजिल तलाशना दूभर

फोटो परिचय- रोडवेज वर्कशाप में खड़ी बसंे एवं हाईवे पर विरोध प्रदर्शन करते चालक।

फतेहपुर। नए सड़क दुर्घटना कानून का नूतन वर्ष के आगाज पर सीधा असर देखने को मिला। साल 2024 के पहले ही दिन रोडवेज की बसों का चक्का जाम हो गया। उधर, टैक्सी वालों के भी इस हड़ताल का हिस्सा बन जाने से हालात और बिगड़ गए। सरकारी बस से यात्रा करने का इरादा त्याग कर प्राइवेट अड्डे पहुंचे मुसाफिरों को तमाम जगहों पर प्राइवेट साधन भी नहीं मिल सके। ट्रक चालकों के हड़ताल में कूद पड़ने से नेशनल हाईवे का पहिया पूरी तरह से कई घंटे जाम जैसा नजर आया।

यातायात के नवीनतम कानून में सड़क हादसा होने पर आरोपी चालक को 10 साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माने का प्राविधान किया गया है। इसी मुद्दे को लेकर नए साल का पहला दिन, सरकारी सवारी के नाम पर मजा किरकिरा करने वाला रहा। इस नवीन कानून के विरोध में रोडवेज की अनुबंधित और निजी वाहनों के चालक हड़ताल पर चले जाने से यह हालत बने। इससे डिपो में बसें खड़ी हो गईं। बसों का संचालन नहीं होने से यात्रियों की भीड़ बढ़नी शुरू हो गई। यात्रियों को गंतव्य तक जाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसा इस लिए हुआ क्यो कि इस विरोध में रोडवेज की अनुबंधित और निजी बसों के साथ ट्रक चालक भी कूद पड़े। इस हड़ताल को जिस तरह से रोडवेज संविदा चालकों के साथ प्राइवेट चालकों का परोक्ष/समर्थन देखने को मिला। उससे कानून का भय साफ नजर आया। शहर के ज्वालागंज चौराहे में टैक्सी वाहन भी नहीं मिलने से मंजिल तलाशने में ज्यादातर नौकरी पेशा वर्ग का वक्त निकल गया।

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ट्रक चालकों के कूदने से हाईवे की थम गई रफ्तार

फतेहपुर। नए साल के पहले ही दिन नेशनल हाईवे की रफ्तार पर घंटे ब्रेक लगा नजर आया। यातायात के नए कानून लागू होने के बाद जिस तरह से चालक वर्ग इस फैसले पर नाराजगी व्यक्त कर रहा था वह आज सामने आ गया। यही कारण रहा कि नेशनल हाईवे की रफ्तार थम गई। ट्रक चालकों के सड़क पर उतरने से यह हालत बन पड़े। जिसे सामान्य करने में मशक्कत करनी पड़ी।

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फतेहपुर। कानपुर और बिंदकी के बीच चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों के संचालक पर भी साफ असर दिखाई दिया। विभिन्न रूट पर चलने वाली ई बसों का भी संचालन रुका रहा। सारा दिन में सिर्फ एक इलेक्ट्रिक बस व्यावसायिक नगरी बिंदकी आई और घंटा भर रूकने के बाद लौट गई। प्राइवेट वालों की बात करें तो उनके इरादे कानपुर में हो रही तोड़फोड़ को लेकर पस्त नजर आए। जिस कारण कई लोगों को यात्रा का इरादा त्यागना पड़ा। गांधी चौराहे पर घंटा भर साधन की राह देखने के बाद लाहौरी के राजू लौट गए।

Azra News

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