चार दिवसीय क्षमता अभिवृद्धि कार्यशाला का दूसरा दिन

बच्चों की परवरिश में पुरूषों की भागीदारी महत्वपूर्ण: डा. निधीश

- चार दिवसीय क्षमता अभिवृद्धि कार्यशाला का दूसरा दिन

फोटो परिचय- कार्यशाला में मंचासीन अतिथि व अन्य।

मो. ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज फतेहपुर। नीति आयोग, वैन लीर फाउंडेशन एवं विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी के साथ महात्वाकांक्षी जनपद में चलाई जा रही जीवन के प्रथम 1000 दिवस परियोजना अंतर्गत चार दिवसीय क्षमता अभिवृद्धि कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब यादव के निर्देशानुसार दूसरे दिन का आरंभ बाल विकास परियोजना अधिकारी तेलियानी कन्हैया लाल ने किया।

उन्होंने प्रशिक्षण के लिए इस तकनीकि कार्यशाला के आयोजन हेतु वैन लीर फाउंडेशन एवं विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसायटी की टीम के समस्त सदस्यों को कार्यशाला के सफल संचालन की शुभकामनाएं दी। उन्होने बताया कि आकांक्षी जनपद में चलाई जा रही यह परियोजना हर मायने में स्वास्थ्य एवं बाल विकास विभाग की सेवाओं को जमीनी स्तर पर कारगर तरीके से पहुंचने में मददगार सिद्ध हुई है। जिसमें कार्यक्रम ने समुदाय एवं सेवाप्रदाता के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में सामुदायिक गतिविधियों परवरिश का आँगन, परवरिश की चौपाल व उपलब्ध टीकाकरण सत्र जैसे मंचों के माध्यम से जीवन के प्रथम 1000 दिनों में बच्चे के मानसिक विकास पर पड़ने वाले प्रभावों को जन जन तक पहुंचने का कार्य आरम्भ किया है।

प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में आये संभागीय सलाहकार यूनिसेफ डॉ निधीश कुमार मिश्रा ने संवेदनशील परवरिश को विकसित भारत के नवनिर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी से पालकों को अनेक अपेक्षाएं होती हैं परन्तु वे यह जरूर याद रखें कि जीवन के प्रथम 1000 दिनों में की गई देखभाल से ही जीवन पर्यन्त व्यक्ति की सफलता निर्भर होती है। साथ ही उन्होंने बच्चों की परवरिश में पुरुषों की भागीदारी को भी बहुत ही महत्वपूर्णता के साथ निभाने पर जोर दिया। दूसरे दिन के तकनिकी सत्रों में प्रतिभागियों की सक्रीय भागीदारी के लिए राज्य प्रमुख विक्रमशिला संस्था साक्षी पवार एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक अनुभव गर्ग ने सभी को धन्यवाद दिया।

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