व्यवस्था परिवर्तन अधिवक्ता संगठन ने सावित्रीबाई फुले को याद किया
देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन किया गया। आधी आबादी के वजूद को समाज दर्पण के रूप में जिस तरह पेश किया। वह काबिलेगौर रहा।
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पहली महिला शिक्षिका को शत शत नमन
व्यवस्था परिवर्तन अधिवक्ता संगठन ने सावित्रीबाई फुले को याद किया
फोटो परिचय- चित्र पर पुष्प अर्पित करते सामाजिक कार्यकर्ता व अधिवक्ता।
फतेहपुर। देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन किया गया। आधी आबादी के वजूद को समाज दर्पण के रूप में जिस तरह पेश किया। वह काबिलेगौर रहा। कलेक्ट्रेट परिसर स्थित लाइब्रेरी हॉल में माता सावित्रीबाई फुले की जयंती सामाजिक कार्यकर्ताओं व व्यवस्था परिवर्तन अधिवक्ता संगठन ने मिलकर मनाई। सामाजिक कार्यकर्ता धीरज कुमार ने कहा कि सावित्रीबाई देश की प्रथम महिला शिक्षिका थीं। जिन्होंने महिलाओं को शिक्षित करने का काम किया। माया देवी एडवोकेट ने महिलाओं को शिक्षित होने पर जोर दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पटेल ने इस वर्ष की भांति हर वर्ष मां सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाने का आह्वान किया। मोहम्मद आसिफ एडवोकेट ने कहा कि हमें अपने महापुरुषों को याद करते हुए उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए। इस बेला में नौ जनवरी को माता सावित्रीबाई फुले की सहयोगी फातिमा शेख की भी जयंती मनाने का संकल्प लिया गया। विचार गोष्ठी में प्रमुख रूप से एडवोकेट अजलाल फारुकी, सुरेंद्र यादव, बाबूलाल करुणाकर, सैयद आसिफ एडवोकेट, प्रकाश अंबेडकर, गाजी अब्दुल रहमान, एहसान अहमद, रोहित, अखिलेश कुमार, रामबाबू मौर्य, विजय, पंकज, गुलफाम सहित तमाम अधिवक्ता साथी और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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