बदायूं लोकसभा चुनाव में सपा और बीजेपी के प्रत्याशी के बीच जीतने को लेकर दो लोगों में शर्त लग गई है। दोनों पक्षों 2.30 लाख रुपये की शर्त लगाई है। इसके लिए अनुबंध पत्र तैयार कर उसमें गवाहों के भी हस्ताक्षर हैं। मामला चर्चा में बना हुआ है।

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान सात मई को संपन्न हो गया। प्रत्याशी अपनी जीत का लगातार दावा कर रहे हैं। इस बीच समर्थक भी अपने प्रत्याशी की जीत पक्की मानकर चल रहे हैं। समर्थकों के बीच हारजीत के लिए शर्त लगाई जा रही हैं।

ऐसा ही मामला बदायूं लोकसभा क्षेत्र के गुन्नौर विधान सभा क्षेत्र से देखने को मिला है। गुन्नौर के पतेई नासिर निवासी विजेंद्र सिंह और नीरेश यादव ने अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत का दावा करते हुए 2.30 लाख रुपये की शर्त लगाई है।

लोकसभा चुनाव में बदायूं से भाजपा प्रत्याशी दुगर्विजय सिंह शाक्य की जीत होगी या सपा प्रत्याशी आदित्य यादव जीतेंगे, इसके लिए दोनों के बीच शर्त लग गई है। बाकायदा दोनों के बीच दस रुपये के स्टांप पर अनुबंध हुआ है।

इसमें कहा गया है कि यदि भाजपा प्रत्याशी जीतते हैं तो नीरेश यादव, विरेंद्र सिंह यादव को 2.30 लाख रुपये देंगे। यदि सपा प्रत्याशी जीतते हैं तो विजेंद्र सिंह नीरेश यादव को इतनी रकम वापस करेंगे। अनुबंध पत्र पर दो गवाहों के हस्ताक्षर भी हैं।

साथ ही शर्त की रकम को संभ्रांत लोगों के बीच जमा कराया गया है। जो निर्णय के बाद जीतने वाले व्यक्ति को दी जाएगी। अनुबंध पत्र में यह भी लिखा है कि यदि कोई भी प्रत्याशी पांच हजार या उससे कम वोट से जीतता है, तो यह अनुबंध स्वत: निरस्त समझा जाएगा।

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