सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि अपराध और अपराधियों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर इंटरपोल चैनलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संबंधों का भारत ने भी लाभ उठाया है। पिछले साल 29 अपराधियों और भगोड़ों को वापस लाया गया है, जो एक साल में सबसे अधिक है।

भारत ने आतंकवाद, ऑनलाइन कट्टरपंथ और साइबर सक्षम वित्तीय धोखाधड़ी जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने और उन्हें रोकने के लिए इंटरपोल चैनलों के जरिए ठोस कार्रवाई की मांग की है। साथ ही अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद के बीच कोई अंतर नहीं होने की बात पर जोर दिया और कहा कि ऑनलाइन कट्टरपंथ वैश्विक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बना हुआ है।

लियोन में हुई इंटरपोल की 19वीं महासभा

फ्रांस के लियोन में हाल ही में संपन्न हुई इंटरपोल की 19वीं महासभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक प्रवीण सूद ने किया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने संगठित अपराध, आतंकवाद और चरमपंथी विचारधाराओं के बीच सांठगांठ से उत्पन्न चुनौतियों पर बात की।


सूद ने कहा कि ऑनलाइन कट्टरपंथ वैश्विक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती है। इसके अलावा, आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और कहा कि 'अच्छे आतंकवाद, बुरे आतंकवाद' के बीच कोई अंतर नहीं किया जा सकता।

सीबीआई द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम में 136 देशों के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो ने भाग लिया, जिसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने किया।

भारत में सीबीआई नोडल एजेंसी

प्रत्येक देश में राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) इंटरपोल के साथ समन्वय के लिए जिम्मेदार नोडल संगठन है। इंटरपोल में सभी सदस्य देश एक प्लेटफॉर्म अपने देश में मौजूद बड़े अपराधियों की जानकारी एक-दूसरे के साथ शेयर करते हैं। भारत में सीबीआई ऐसे मामलों में इंटरपोल के संपर्क में रहती है। सीबीआई ही इंटरपोल और अन्य जांच एजेंसियों के बीच नोडल एजेंसी का काम करती है। भारत से जब भी कोई अपराधी विदेश भाग जाता है या उसके विदेश भागने की आशंका होती है तो उसके खिलाफ लुकआउट या रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है।

इंटरपोल के जरिए समन्वय बढ़ाने की मांग की

प्रवक्ता ने कहा कि कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चर्चा के दौरान भारत ने संगठित अपराध, आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, धन शोधन, ऑनलाइन कट्टरपंथ, साइबर सक्षम वित्तीय अपराधों से निपटने और रियल-टाइम के आधार पर इन अपराधों को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई के उद्देश्य से इंटरपोल के जरिए समन्वय बढ़ाने की मांग की। तीन सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब सहित कई देशों के साथ चर्चा के दौरान इंटरपोल के जरिए सूचना साझा करने, परस्पर कानूनी सहायता भेजने और प्रत्यर्पण अनुरोध में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

भारत ने अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के खतरे से निपटने के लिए एनसीबी के नेटवर्क को मजबूत करने, साइबर-सक्षम वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ाने, इंटरपोल नेटवर्क और वैश्विक पुलिस डेटाबेस के उपयोग को बढ़ावा देने, बाल यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई में और इंटरपोल के भीतर डेटा संरक्षण उपायों में सुधार करने जैसे प्रमुख निष्कर्षों का भी समर्थन किया।

29 अपराधियों और भगोड़ों को वापस लाया गया

सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि अपराध और अपराधियों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर इंटरपोल चैनलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संबंधों का भारत ने भी लाभ उठाया है। पिछले साल 29 अपराधियों और भगोड़ों को वापस लाया गया है। उन्होंने कहा, 'इसके अलावा भारत की कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा 100 रेड नोटिस प्रकाशित किए गए थे।'

Azra News

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