यूरोप के वैज्ञानिकों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि संबंधों को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग को गहरा करने के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है।

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के महानिदेशक जोसफ ऐशबैकर ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तारीफ की। उन्होंने हाल ही में सफल प्रक्षेपणों के लिए इसरो को सराहा। ऐशबैकर ने कहा कि अंतरिक्ष और विशेष रूप से चंद्रमा पर भारत को मिली उपलब्धियां हैरान करने वाली हैं।

ईएसए की 323वीं परिषद की बैठक हुई

बता दें, पेरिस में ईएसए की 323वीं परिषद की बैठक हुई थी। इसकी मेजबानी करने के बाद ऐशबैकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर इसरो की प्रशंसा की। इस बैठक में इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने भी भाग लिया था।

अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग को कम नहीं आंका जा सकता

ईएसए सदस्य राज्यों ने 26 और 27 मार्च को ईएसए परिषद के 323वें सत्र के लिए पेरिस में मुलाकात की। इस दौरान यूरोपियन वैज्ञानिकों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि संबंधों को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग को गहरा करने के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है।


अंतरिक्ष में भारत जो हासिल कर रहा...

जोसफ ऐशबैकर ने कहा, 'भारत अंतरिक्ष में जो हासिल कर रहा है, खासकर चंद्रमा के क्षेत्र में, वह हैरान करने वाला है। हमने आज ईएसए परिषद में इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ की मेजबानी की। प्रतिनिधियों के लिए ईएसए-इसरो सहयोग के लिए वर्तमान और भविष्य की योजनाओं के बारे में अधिक जानने के लिए यह महत्वपूर्ण बैठक थी।'

उन्होंने आगे कहा, 'अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करने और सहयोग को गहरा करने के रणनीतिक महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता है।'


हम बहुत गर्व महसूस कर रहे

वहीं, अंतरिक्ष यात्री थॉमस पेस्केट ने कहा, 'पेरिस में इसरो अध्यक्ष सोमनाथ और हमारे महानिदेशक ऐशबैकर का स्वागत करके हम बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच उत्साही बातचीत हुई।'

भारत साल 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान -3 की सफल लैंडिंग और भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल 1 के प्रक्षेपण के साथ नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया।

Azra News

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