पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजना शुरू, कई राज्यों में पुलिस-प्रशासन अलर्ट

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के बाद भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं। इस सिलसिले में पुणे और हरियाणा प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी नजर रखते हुए संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

पुणे जिले में वर्तमान में 111 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, जिनमें से 91 लोग दीर्घकालिक वीजा पर भारत में हैं। इनमें 35 पुरुष और 56 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 20 नागरिक विजिटर वीजा पर रह रहे हैं।

शहर पुलिस की विदेशी नागरिक शाखा के अनुसार, अब तक तीन पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ चुके हैं।

पुणे कलेक्टर जितेन्द्र डुडी ने बताया कि अधिकांश पाकिस्तानी नागरिक भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने या चिकित्सा उपचार के उद्देश्य से आए हैं। दीर्घकालिक वीजा पांच वर्षों के लिए वैध होता है, जबकि विजिटर वीजा की अवधि केवल 90 दिन की होती है।

इधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “ऐसे कृत्य किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।” उन्होंने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा से संबंधित गृह मंत्रालय के निर्देशों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

आदेश के अनुसार, सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक हरियाणा छोड़ना होगा। चिकित्सा वीजा धारकों को 29 अप्रैल तक का समय दिया गया है। वहीं, लंबी अवधि के वीजा, राजनयिक और आधिकारिक वीजा पर ये निर्देश लागू नहीं होंगे।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने राज्य भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए हैं। साथ ही स्पष्ट किया कि राज्य में शांति भंग करने की किसी भी कोशिश से सख्ती से निपटा जाएगा।

इधर, छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशों का पालन करेगी और इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

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