विद्युत निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने की विरोध सभा

    विद्युत निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने की विरोध सभा
– आगामी 29 मई से पूर्ण कार्य बहिष्कार की बनाई रणनीति
फोटो परिचय- निजीकरण के विरोध में विरोध सभा करते कर्मचारी।
मो ज़र्रेयाब खान अजरा न्यूज़ फतेहपुर। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बुधवार को दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक कार्य बहिष्कार कर हाइडिल कॉलोनी स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय में सभा हुई। आज की सभा में संघर्ष समिति के तमाम पदाधिकारी एवं सदस्य ने अपनी बात कह निजीकरण को तत्काल निरस्त करने की मांग की। विरोध सभा में आगामी 29 मई से पूर्ण कार्य बहिष्कार की रणनीति भी बनाई गई।
समिति के वक्ता धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि पावर कारपोरेशन, उप्र सरकार के पास घाटे का फर्जी आंकड़े प्रस्तुत कर निजीकरण करने का कुचक्र रच रहा है। संघर्ष समिति पदाधिकारी लवकुश मौर्य ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब किसी प्रांत में पावर कारपोरेशन ने अपने एआरआर को चार दिन के अंदर पुनरीक्षित कर घाटा बढ़ा चढ़ा कर नई एआरआर दाखिल की है। संघर्ष समिति पदाधिकारी लक्ष्मी नारायण साहू ने कहा कि यह सब निजीकरण से पहले निजी घरानों की मदद करने के लिए किया जा रहा है। आगरा में भी निजीकरण के पहले ए टी एंड सी हानियां 54ः बताई गई थी जो वास्तव में 40ः के नीचे थी। इसका दुष्परिणाम यह है कि आज भी आगरा में पावर कॉरपोरेशन 5.55 रु प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर निजी कंपनी को 04.36 रूपए प्रति यूनिट में दे रही है और 274 करोड रुपए का सालाना नुकसान उठा रही है। संदीप पराशर ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन यह भी सार्वजनिक करें कि निजीकरण के बाद सरकार सब्सिडी देगी या नहीं देगी क्योंकि उनके द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में बार-बार सब्सिडी का उल्लेख किया गया है। आज की सभा की अध्यक्षता विनय शुक्ल एवं संचालन लवकुश मौर्य ने किया। सभा में अवर अभियंता प्रमोद सिंह, छंगा राम, कार्यालय सहायक संतोष कुमार, प्रीति देवी, कमलेश पाल, तकनीशियन ब्रजेश कुमार बिंद, रमेश, पंकज मौर्य, रामेंद्र सिंह, शत्रुघ्न कुशवाहा, विकास, सूर्या प्रकाश मिश्र आदि रहे।

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