पुरी (ओडिशा)/नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भगवान श्री जगन्नाथ की पावन धरा- पुरी में ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी व उप-मुख्यमंत्री श्री कनक वर्धन सिंह देव के साथ राष्ट्रव्यापी ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने सभी किसान भाई-बहनों से इस ऐतिहासिक अभियान से जुड़ने की अपील की है। 12 जून तक चलने वाले महाभियान में वैज्ञानिकों की टीमों ने गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा संवाद शुरू कर दिया है। कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. एम.एल. जाट सहित गणमान्यजन मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह की पहल पर शुरू किए गए इस वृहद अभियान को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), राज्य सरकारों तथा कृषि से जुड़ी सभी संस्थाओं के सहयोग से संचालित कर रहा है, जिसमें देशभर के सभी 731 कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) एवं कृषि विश्वविद्यालय भी सम्मिलित है। यह अभियान भारतीय कृषि की दिशा व दशा बदलने का मार्ग प्रशस्त करेगा, वहीं वैज्ञानिक नवाचार और जमीनी स्तर की भागीदारी के माध्यम से देश के खाद्य भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम भी है। 15 दिवसीय अभियान के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री चौहान लगभग 20 राज्यों की यात्रा करे किसानों व वैज्ञानिकों के साथ संवाद में शामिल होकर उत्साह बढ़ाएंगे।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह ऐतिहासिक पहल के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकता के अनुसार आगे के कृषि अनुसंधान का मार्ग तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें इस मिशन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। श्री चौहान ने सभी राज्यों से अभियान को सफल बनाने की अपील की, साथ ही किसान भाइयों-बहनों से अपील करते हुए कहा कि 29 मई से 12 जून तक चलने वाले इस अभियान को सफल बनाने में कोई कसर मत छोड़ना। उन्होंने किसानों से कहा कि वैज्ञानिक आपके गांव में आ रहे हैं, आप समय निकालिए और उनके साथ बैठिए, खेती में नए प्रयोग सीखिए और उत्पादन बढ़ाइए। ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का मतलब है कि वैज्ञानिक लैब से निकलकर खेत में किसानों के बीच जाएं, गांव में आपके साथ बैठे।
श्री शिवराज सिंह ने वैज्ञानिकों से कहा कि आप किसानों की सेवा करने जा रहे हैं, आपका सौभाग्य है कि गांवों में जाकर किसानों से बात करके उनकी फसल का उत्पादन बढ़ाने का मौका आपको मिल रहा है, इससे बड़ा कोई पुण्य हो नहीं सकता। श्री चौहान ने भगवान जगन्नाथ जी के चरणों में बारंबार प्रणाम करते हुए प्रार्थना की कि इस अभियान पर अपनी कृपा और आर्शीवाद की वर्षा करना।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने कहा कि देश में अन्न के भंडार भरे रहें, किसानों की आय बढ़े, इसके लिए हम गांव-गांव निकल रहे हैं। वैज्ञानिक अब लैब में नहीं बैठेंगे, बल्कि लैंड तक पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा। किसान जब खेत में बीज बोता है तो वो केवल बीज नहीं बोता, जीवन बोता है। श्री चौहान ने कहा कि 16 हजार वैज्ञानिकों की 2170 टीमें बनाई गई हैं, जो गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद करेंगी। हरेक टीम एक दिन में दो गांवों में जाएगी। 15 दिनों तक अभियान के दौरान क्षेत्र की जलवायु, पानी, मिट्टी के पोषक तत्वों व अन्य बातों को ध्यान में रखते हुए किसानों को सिखाया जाएगा कि उन्हें कौन-सी फसल उगानी चाहिए, कौन-सी किस्म का उपयोग करना चाहिए, उर्वरकों का उपयोग कैसे करना चाहिए आदि। साथ ही, प्राकृतिक खेती और दलहन व तिलहन की खेती के बारे में किसानों से चर्चा की जाएगी। वैज्ञानिक सीधे संवाद के माध्यम से किसानों की व्यावहारिक समस्याओं का समाधान करेंगे।